यूपी के बरेली में जमीन पर कब्जे को लेकर हुई फायरिंग, तीन की हत्या; मौके पर कई थानों की पुलिस
Triple Murder in Bareilly
Triple Murder in Bareilly: यूपी के बरेली में तिहरे हत्याकांड से सनसनी फैल गई। रामगंगा की कटरी(Ramganga ki Katri) में बुधवार शाम जमीन को लेकर दो गुटों के बीच वर्चस्व की जंग(battle for supremacy) में तीन लोगों की हत्या कर दी गई। इस दौरान दोनों गुटों में करीब आधा घंटा तक जमकर फायरिंग हुई(heavy firing) और तलवारें चलीं। इसमें कई लोग घायल भी हुए हैं। घटना की सूचना पर बरेली और बदायूं से फोर्स मौके पर पहुंच गई।
बुधवार शाम करीब साढ़े पांच बजे फरीदपुर थाना क्षेत्र के गांव गोविदपुर के पास रामगंगा पार कटरी में हुई। बताया जाता है कि यहां पर चंडीगढ़ में रहने वाले परमवीर सिंह ने झाला बनाकर करीब ढाई हजार बीघा जमीन घेर रखी है। बुधवार शाम वहां गन्ने की फसल काटी जा रही थी। उसी दौरान रायपुर हंस निवासी सुरेश प्रधान तीन-चार गाड़ियों में असलहों से लैस बदमाशों(miscreants armed with guns) को लेकर पहुंच गया। उसने गन्ना काट रहे एक मजदूर की पिटाई कर दी। मजदूर ने तुरंत ही भागकर इसकी सूचना परमवीर के झाला पर जाकर दी। इसके बाद झाला पर रहने वाले 12 से अधिक लोगों ने तलवारों और अन्य हथियारों से लैस होकर सुरेश प्रधान गुट पर हमला कर दिया। करीब आधा घंटा तक दोनों गुटों के बीच जमकर फायरिंग हुई और तलवारें चलीं।
वर्चस्व की इस जंग में परमवीर पक्ष के परविंदर व देवेंद्र और सुरेश प्रधान पक्ष के गोलू पंखिया की मौत हो गई। गोली और तलवार लगने से सुरेश प्रधान समेत कुछ लोग घायल भी हुए हैं। घटना की सूचना पर डीआईजी/एसएसपी अखिलेश चौरसिया, एसपी देहात राजकुमार अग्रवाल समेत कई थानों का पुलिस बल मौके पर पहुंच गया। मौके पर पड़े तीनों शव जिला अस्पताल भिजवाए(sent to the district hospital) गए हैं। घटना की सूचना पर बदायूं के एसएसपी भी वहां पहुंचे। सभी आरोपी फिलहाल फरार बताए जा रहे हैं।
ढाई हजार बीघा के लिए हुआ खूनखराबा / Bloodshed for two and a half thousand bighas
कटरी में बुधवार शाम करीब साढ़े पांच बजे हुई वारदात के पीछे करीब ढाई हजार बीघा जमीन पर कब्जे को लेकर विवाद है। सुरेश प्रधान पर पहले से कई मुकदमे दर्ज हैं और जब परमवीर ने वहां आकर झाला बनाया तो वर्चस्व की जंग शुरू हो गई। कई बार छिटपुट विवाद हुए और मामला शांत हो गया लेकिन बुधवार की जंग में तीन हत्याएं हो गईं। अब से कई साल पहले फरीदपुर के गोविंदपुर गांव में करीब 80 परिवार रह रहे थे। खेती-बाड़ी करके लोग गुजारा करते थे। उस समय रामगंगा नदी आंवला की ओर दूसरे किनारे पर कटान कर रही थी।
आंवला तहसील प्रशासन ने अपने गांव बचाने के लिए रामगंगा में ठोकर बना दी। इसके बाद रामगंगा ने फरीदपुर के गोविंदपुर गांव की ओर कटान शुरू कर दिया। वर्ष 2010 में रामगंगा में बाढ़ आई। दो रातों में ही रामगंगा में आई बाढ़ ने गोविंदपुर गांव के 70 परिवारों के घरों को निगल लिया। गोविंदपुर गांव के लोगों ने कई महीने खुले आसमान में रातें बिताई। बाढ़ में घर और जमीन चले जाने के बाद तमाम लोग वहां से पलायन कर गए। जलस्तर कम होने के बाद गोविंदपुर की जमीन रामगंगा नदी के पार चली गई। इसके बाद दबंगों ने कटरी की जमीन पर कब्जा करना शुरू किया।
कई बार हुआ विवाद, किया गया जिला बदर / Controversy happened many times, District Badar was done
कटरी की जमीन कब्जाने की होड़ में सबसे पहले रायपुर हंस के सुरेश पाल सिंह उर्फ सुरेश प्रधान ने सैकड़ों हेक्टेयर जमीन पर फसल बो दी। कई बार जमीन को लेकर झगड़ा होने के बाद सुरेश प्रधान को जिला बदर कर दिया गया। इसके बाद सुरेश बरेली जिले को छोड़कर बदायूं के कस्बा उझानी में जाकर रहने लगा। करीब साल भर पहले चंडीगढ़ के 110 सेक्टर बी के परमवीर सिंह ने कटरी में कुछ बीघा जमीन खरीदकर वहां झाला बना लिया। इसकी आड़ में उसने कटरी में पड़ी तमाम किसानों की जमीन जोत ली, यह जमीन करीब ढाई हजार बीघा बताई जा रही है। फिर इसी जमीन को लेकर सुरेश और परमवीर के बीच विवाद शुरू हो गया।
परमवीर पर लग चुका 53 लाख जुर्माना / 53 lakh fine imposed on Paramveer
पिछले साल गोविंदपुर गांव की जमीन पर दबंगई के बल पर कब्जा करने के आरोप में तमाम लोगों ने परमवीर सिंह के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। इस पर तहसीलदार ने राजस्व टीम को भेजकर अवैध कब्जे के आरोप की जांच शुरू कराई। लेखपाल ने नौ दिसंबर 2022 को पैमाइश करने के बाद परमवीर पर राम गंगा कटरी की 270 बीघा जमीन कब्जा करने की पुष्टि करते हुए तहसीलदार को रिपोर्ट सौंपी। तहसीलदार ने परमवीर को नोटिस जारी किया, लेकिन उसने कोई जवाब नहीं दिया। इसके बाद तहसीलदार की कोर्ट ने जमीन से अवैध कब्जा छोड़ने का निर्देश देते हुए परमवीर पर 53 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। जुर्माना जमा करने के लिए 15 दिन का समय दिया गया था लेकिन समय पर जुर्माना जमा नहीं किया गया। फिर तहसील प्रशासन ने उसकी आरसी काटने की तैयारी शुरू की लेकिन मामला ठंडे बस्ते में चला गया।
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